जिनकी नजरों में मोहन समाये वो नजर फिर तरसती नहीं है ये तो...... जिनकी नजरों में मोहन समाये वो नजर फिर तरसती नहीं है ये तो......
हे जननी जन्मभूमी माँ शत्-शत् नमन करता हूँ... हे जननी जन्मभूमी माँ शत्-शत् नमन करता हूँ...
नहीं ठहरता कहीं मन भटकता बादल सा है, कहीं दूर जा कर अटकता सा है। नहीं ठहरता कहीं मन भटकता बादल सा है, कहीं दूर जा कर अटकता सा है।
मुझे घर चाहिए तेरे दिल मे और अपने घर मे तू चाहिए। मुझे घर चाहिए तेरे दिल मे और अपने घर मे तू चाहिए।
जानवर इंसान बन गया या जानवर में इसान जिंदा हो रहा। जानवर इंसान बन गया या जानवर में इसान जिंदा हो रहा।
जिसे चाहा हो तुमने उसके चले जाने के बाद हर जगह उसी को ढूंढना मगर कही भी उसका पूरी तरह से एक जगह न मि... जिसे चाहा हो तुमने उसके चले जाने के बाद हर जगह उसी को ढूंढना मगर कही भी उसका पूर...